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गोद उठाई की रस्म: Hindi Kahani

God uthaee kee rasm hindi kahan: ” माँ !   जल्दी से नवजात के लिये ओढ़ना , बिछोना , कपड़े दो । ‘”  डॉ बेटी विभा  ने  अपनी माँ से कहा .   “अचानक ऐसा क्यों कह रही हो ?”  ” अभी   बस में प्रसव वेदना से पीड़िता ने लड़की को जन्म दिया है । विविध  जाति […]

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सच्ची श्रद्धांजलि: Hindi Kahani

Sachchee shraddhaanjali Hindi Kahani: कोलकता के  वृद्धाश्रम के  ‘  बहुउद्देशीय सेवा केंद्र  ‘ द्वारा भेजे  गए कोरियर में   ”  रीमा , बिल फॉर फ्युनरल यूअर मदर ”  को   विस्मृत नेत्रों से पढ़कर इकलौती बेटी रीमा अपनी बूढ़ी माँ की अंतिम क्रिया में न शामिल होने के दुःख से  फफक – फफक रो पड़ी . […]

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लॉकडाउन: Hindi story

Lockdown Hindi Story: प्रेम विवाह के कुछ ही दिनों बाद से ही उन दोनों में छत्तीस का आँकड़ा हो गया था और बात तलाक की ओर बढ़ रही थी। जब कि कोई दूर से देखे तो कहे, इनसे अच्छी सुंदर जोड़ी नहीं हो सकती। बीच में पसर रहे अबोले ने उन्हें अजनबी बना दिया था। वैसे, दोनों की अपनी-अपनी हाई-फ़ाई नौकरी के […]

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अब आप मत आना : Hindi Story

08 मार्च-2020 ———————-             हैलो ,बाजी            Ab aap mat aana hindi story: आदाब। मैंने आपको इसलिए फोन किया है कि 15 मार्च को आपके लाडले भांजे शादाब की सालगिरह है। आप बच्चों और बहनोई साहब के साथ  हमारे घर बरेली तशरीफ  ज़रूर लाइएगा ताकि हमारी खुशी दुगुनी हो जाए।     -” वह तो ठीक है […]

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दर्द: Hindi Kahani

Dard hindi Kahani: “दादाजी, आज हम अपने पाॅश कालोनी के बगीचे को छोड़ इतने दूर भीड़ वाले बागीचे में क्यों आ गए ?” “बेटा,  यहां की कुछ पुरानी यादें हैं,  जिन्हें ताजा करने आ गए ।” “कैसी यादें दादाजी !” “बेटा, वो सामने का बड़ा-सा घर देख रहे हो । वो कभी अपने परिवार का […]

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अपरिग्रह: Hindi Story

Aparigrah hindi story: बस से उतर कर मैं घर की तरफ चल पड़ा । परसों ही छोटे भाई का फोन आया था कि भैया एक बार घर आ जाओ, पिताजी-माँ आपको बहुत याद करते हैं।” मैं समझ गया था ,ज़रूर पैसों की ज़रूरत होगी ।  कितनी बार समझाया है अंजली को कि यह सब शानो-शौकत […]

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हक: Hindi Kahani

Hak hindi kahani: हरिया की देह पिछले छह घंटे से कोठरी में पड़ी थी। उसके नाते-गोतेदारों सहित शहर में बसे बड़ा और छोटा बेटा भी परिवार सहित आ चुके थे। आँगन में जमा लोग मैयत की तैयारी करने की बजाए, असमंजस की स्थिति में बैठे थे। वजह थी हरिया की वसीयत रूपी चिट्ठी। सरपंच, पंडित […]

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जगह की तलाश में: Hindi Story

Jagah kee talaash mein hindi story: तृप्ति पूजा की थाल लिए जैसे ही घर से निकल मन्दिर की ओर बढी उसके कदम ठीठकने लगे.वह सुबह को चीरती हुइ सन्नाटे से डर कर वापस घर को आ गई. — अरे ! कुछ भूल गई क्या ?  माँ ने जिज्ञासा भरे लहजे मे पूछा . — नही […]