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अपरिग्रह: Hindi Story

Aparigrah hindi story: बस से उतर कर मैं घर की तरफ चल पड़ा । परसों ही छोटे भाई का फोन आया था कि भैया एक बार घर आ जाओ, पिताजी-माँ आपको बहुत याद करते हैं।” मैं समझ गया था ,ज़रूर पैसों की ज़रूरत होगी ।  कितनी बार समझाया है अंजली को कि यह सब शानो-शौकत […]

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अपराध बोध

“कितनी बार कहा है तुमसे ,इसे अपने आँचल से बाहर निकलने दो ;लेकिन नहीं, तुम्हारा सहारा लेकर हमेशा गोद में दुबकना चाहता है ।” “ऐसा नहीं है जी ,मैं हमेशा इसे बाहर भेजने की कोशिश करती हूँ और समझाती भी हूँ कि पापा के साथ फैक्ट्री जाना शुरू करो ,लेकिन वह कहता है ,”मम्मी मैं […]

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पदचिन्ह

पिछले महीने ही मेरा ट्रांसफर हुआ तब से मेरे पांव जमीन पर ही नहीं पड़ रहे थे । मैं बार बार सुधा के सामने खुशी जाहिर करते हुए कह रहा था ,”अच्छा है!अब हम लोग भैया से मिल पाएंगे ,देखना वे हमें देखकर कितने खुश होते हैं !” थोड़े दिनों बाद जब  हम लोग नए […]

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अपरिग्रह

बस से उतर कर मैं घर की तरफ चल पड़ा । परसों ही छोटे भाई का फोन आया था कि भैया एक बार घर आ जाओ, पिताजी-माँ आपको बहुत याद करते हैं।” मैं समझ गया था ,ज़रूर पैसों की ज़रूरत होगी ।  कितनी बार समझाया है अंजली को कि यह सब शानो-शौकत मेरी वर्षों की […]