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विभाजित सत्य

क्लीनिक में मरीजों की भीड़ बढ़ती ही जा रही थी। बीच-बीच में मरीज कम्पाउंडर से पूछ रहे थे, “क्यों भाई, डॉक्टर साहब कितने बजे आएँगे?” बड़ी ही बेरुखी से वह सबको बस एक ही जवाब दे रहा था, “अपने समय से।” सामने बैठी एक युवती बड़ी देर से कमर दर्द से तड़प रही थी। उसके […]

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जादुई चिराग

पिछले कई वर्षो से रत्ना और राजेश की तू-तू, मै-मै पर अचानक विराम लग गया आये दिन विवाद, राजेश को रत्ना से कुछ न कुछ शिकायत रहती ही थी  जिनकी परस्परआंख -आंख नही बनती   वे अब हाथो मे हाथ डाले घूमते नजर आ रहे थे वाणी मे भी मधुरता और एक दूसरे के प्रति आदर […]

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कुंठित भूख: Hindi Stories

Kunthit bhookh Hindi Stories: वो सड़क पर लापरवाह उद्देश्यहीन इधर उधर यूं ही भटक रहा था। काम की तलाश में था मगर काम मिलने की कोई संभावना नहीं थी, दूर – दूर तक न थी , मास्क लगा ये वक्त है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। उसने कुंठित हो अपना मास्क […]