Dard hindi Kahani: “दादाजी, आज हम अपने पाॅश कालोनी के बगीचे को छोड़ इतने दूर भीड़ वाले बागीचे में क्यों आ गए ?”

“बेटा,  यहां की कुछ पुरानी यादें हैं,  जिन्हें ताजा करने आ गए ।”

“कैसी यादें दादाजी !”

“बेटा, वो सामने का बड़ा-सा घर देख रहे हो । वो कभी अपने परिवार का हुआ करता था ।” दादाजी ने उंगुली के इशारे से पोते को बताया ।

“दादाजी, इतनी बड़ी और अच्छी जगह हमें क्यों छोड़ना पड़ी ?” 

एक ठंडी सी सांस भरते हुए दादाजी बोले -“बेटा, इसका जवाब तो तुम अपने पिताजी और ताऊजी से पूछना ।”  यह कहते हुए दादाजी की नम आंखों के सामने सम्पति बंटवारे को लेकर हुए विवाद के परिदृश्य उभर आए । 

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