Ahinsa hindi kahani: तैयार होके मैं पार्टी के लिए निकलनेवाली थी. रसोईघर की खिडकी बंद करने गई, तब अचानक एक तिलचट्टा उडता हुआ अंदर आ गया . मैंने उसे झाडू से फटकारा. वह मर गया ,इसकी खातिरजमा करके मैं उसे कागज में लपेट के पुडिया बांधने लगी. सोच रही थी , ‘बेचारा! घर में आया […]
कहानी
ज्योतिष: Hindi Short Story
Jyotish Hindi Short Story: पता नहीं, यह श्रद्धा है,अंधश्रद्धा है या महज़ एक संयोग? माधव अपने सहकारी के साथ एक ज्योतिषी के घर गएं थे. सहकारी का काम हो गया और वे बस निकलनेवाले ही थें ,ज्योतिषी जी ने उन्हें रोका और माधव से कहा,’ आप सावधानी बरतिएं. अगले पांच दिनों में आपके साथ दुर्घटना […]
सच्चाई: Hindi Story
Sachchaee Hindi Story: मोबाईल के स्क्रीन पर दीदी का नाम देखते ही नेहा ने फोन उठा लिया, “हाँ दीदी, बोलो सब ठीक हैं, आप, जीजाजी|” “हाँ नेहा सब ठीक है, आज अखबार में फिर हेमंत की फोटो छपी है| बधाई हो|” “हाँ दीदी हमारा हेमंत कोरोना वोरियर है|” “नेहा तुम्हारे ऊँचे कद के कारण तुम्हारे सामने शायद […]
परपीड़क: Hindi Short Story
Parapeedak Hindi Short Story: “ये क्या मेघा, तुम बड़ी थकी थकी दिख रही हो?” दरवाजा खोलते हुए अनन्या ने पूछा| “यार अंदर आने दे| सब दरवाजे पर ही पूछ लेगी|” “हाँ, हाँ आ| अब बता, कहाँ से आ रही है?” “क्या बताऊँ? वो ही कोर्ट की तारीख, वकीलों की बहस, वहाँ का माहौल सब बहुत उबाऊ और थकाने वाला होता है|” “हाँ वो तो तू […]
शर्मिंदगी: Hindi Kahani
Sharmindagee:अस्पताल के डीलक्स रूम में मैं अकेली लेटी हूँ . यह कमरा दो मरीजों के लिए है.दोनों पलंगों के बीच में पर्दा लगाया हुआ है .उस ओर का पलंग अभी खाली है .कोई आ जाए तो कुछ बातचीत हो जाया करेगी . अभी मुझे यहाँ आठ दिन रहना है . पेट में ट्यूमर हो गया […]
स्वच्छता दिवस: Hindi Story
Svachchhata Divas: उस सरकारी स्कूल में गाँधी जयंती का दिन विशेष रूप से स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता था .पांचवीं से दसवीं क्लास तक के विद्यार्थी अपनी अपनी कक्षाओं की खूब अच्छी तरह से सफाई करते . सारे टेबल कुर्सियां बाहर निकाले जाते , फर्श को पानी से पोंछा जाता , टेबल कुर्सियों […]
नासूर भरा पश्चाताप : Hindi Short Story
Naasoor Bhara Pashchaataap: वो बेहद ड़रा हुआ और परेशान था। थोड़ी देर पहले ही बेटी का फोन आया था– “पापा मेरी स्कूटी खराब हो गयी है और यहां बहुत अंधेरा और सुनसान है।” हे भगवान! रात के 10 बजे थे, अनहोनी की आशंका से उसके हाथ पैर थर थर कांपने लगे थे। 100 नम्बर ड़ायल […]
जाके पैर न फटे बिवाई वो क्या जाने पीर पराई: Hindi Kahani
Jaake Pair Na Phate Bivaee Vo Kya Jaane Peer Paraee: रोज के ताने सुनकर निधि त्रस्त हो चुकी थी। बांझ शब्द अब उसे चुभता था। परिवार की अन्य औरतों के गोद में नन्हे बच्चों को देखकर वो बेहद दुखी हो जाती। उसके परिवार में देवरानी की गोद भराई थी। उसे भी अब बच्चा होने […]