हमारी चीज़ों को चाहे बहुत कम लोग पढ़ें किन्तु हम बहुत कम लोगों के लिए लिखते हैं। मैं जिन लोगों को ध्यान में रखकर लिखता था, उनमें रेणु सबसे प्रमुख थे। मैं हमेशा सोचता था, पता नहीं मेरी ये कहानी, यह लेख, उपन्यास पढ़कर वह क्या सोचेंगे।यह ख्याल ही मुझे कुछ छद्म और छिछला, कुछ […]
साहित्य
बोलती दीवार
अक्सर सुनते आए हैं दीवारों के भी कान होते हैं मगरमन के भाव दीवारों से लोग भला कब साझा करते हैंलेकिन बच्चे तो बच्चे हैंदीवारें तक बन जातीं हैंखेल खेल में इनके साथीबच्चे अब दीवारों से खूब बतियाने लगे हैंदीवारें भी जीवंत होने लगी हैंकोशिशे रंग लाने लगी हैंदीवारें बोलने भी लगी हैंबोलती दीवारें देखनी […]
साहित्यकार की जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ गई है:Hindi Kahani
Saahityakaar kee jimmedaaree Hindi Kahani: साहित्यकार का काम प्रवचन देना या धर्मोपदेश देना नहीं है । यह कार्य हमारे साधु संत भली-भांति कर रहे हैं । साहित्यकार का कार्य मनोरंजन करना भी नहीं है । यह कार्य हमारे फिल्मी कलाकार , भांड , नट और किन्नर बहुत बेहतर ढंग से कर रहे हैं । साहित्यकार […]
रक्तदान: Hindi Kahani
Raktadaan Hindi Kahani: महीने भर पहले ही नेहा सुजीत से शादी कर उसके घर में आयी थी। ससुराल में परिवार के नाम पर सुजीत के अपाहिज पिता थे। नेहा खुश थी कि छोटा परिवार है, उसे ज्यादा काम नहीं करना पड़ेगा। लेकिन जब नई-नवेली नेहा का अपाहिज ससुर के कारण घुमना-फिरना नहीं हो पा रहा […]
कुंठित भूख: Hindi Stories
Kunthit bhookh Hindi Stories: वो सड़क पर लापरवाह उद्देश्यहीन इधर उधर यूं ही भटक रहा था। काम की तलाश में था मगर काम मिलने की कोई संभावना नहीं थी, दूर – दूर तक न थी , मास्क लगा ये वक्त है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। उसने कुंठित हो अपना मास्क […]
प्रेम: Hindi Stories
Prem Hindi Stories:एक वन के समीप एक लकड़हारा रहा करता था। लकड़हारा था सो जंगल से उसका गहरा नाता था या यूं कह लो मतलब का नाता था। मतलब गहरा था सो नाता भी गहरा था। जंगल का उस से दुश्मनी का नाता था मगर जंगल स्वभावतः दुश्मनी निभा नहीं पाता था लकड़हारे को लकड़ी […]
संतुलन: Short Stories
Santulan short stories: “पुत्र आदित्य! अभी तक सोए हुए हो… काम पर नहीं जाना क्या?”… माता अदिति ने बेटे को झकझोरते हुए जगाया।“नहीं माँ, आज मैं नहीं जाऊँगा। मुझे भी तो कभी अवकाश चाहिए?”“नहीं वत्स ! तुम्हारा जन्म परोपकार के लिए ही हुआ है। तुम कैसे अवकाश ले सकते हो? पृथ्वी पर सब तुम्हारी राह […]
प्रेम पगे रिश्ते: Hindi Kahani
Prem Page Rishte Hindi Kahani: रोहन को ऑफिस के काम से अक्सर टूर पर रहना पड़ता । उसका पूरा ध्यान पापा की ओर ही लगा रहता । दिन में तीन चार बार फोन कर हाल चाल पूछ लेता पर कभी कभी काम इतना होता कि दिन भर बात ही न हो पाती ।जब से माँ […]