Short story in Hindi- Emotional Story

काउँटर पर बैठी लड़की ने राशि जमा करके जब कहा कि आज आपकी अंतिम किस्त जमा हो गई है, तो उसने राहत की एक लंबी साँस ली। दरअसल पिछले पच्चीस महीनों से वह एक दबाव में जी रहा था। छोटी बेटी की शादी में उसने दामाद को सोने की चेन पहनाई थी। उस पर बड़ी बेटी ने जिद की कि हमें तो नहीं पहनाई!
 उसने बेटी की भावना को समझा और कुछ समय बाद जब बड़ी बेटी के लड़का हुआ तो उसने गुँजाइश नहीं होते हुए भी एक सुनार के पास पाँच हजार रुपए की मासिक किस्त पर सोने की चेन खरीद ली। यह राशि पच्चीस महीने में अब जाकर उतरी थी। प्राइवेट नौकरी करते हुए अल्प वेतन में से हर माह पाँच हजार रुपए निकालना उसके लिए बेहद कठिन था। इस दौरान उसे यही लगता रहा कि वह सुनार के पास गिरवी पड़ा है। आज वह खुद को आजाद पा रहा था।
घर पहुँचा तो छोटी बेटी आई हुई थी। उसके भी कुछ दिन पूर्व पुत्र हुआ था और वह पुत्र के साथ पहली बार पिता के घर आई थी। वह बहुत प्रसन्न हुआ।
एक दिन छोटी बेटी अपने नन्हे पुत्र को खिलाते हुए उससे बातें करने की कोशिश कर रही थी, ‘तुम्हारे नानू अपने नाती को सोने की चेन देते हैं। बड़े भैया को दी थी। तुम्हें भी देंगे…।Ó
…और अगले दिन उसने फिर पच्चीस महीने के लिए खुद को सुनार के पास गिरवी रख दिया।

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