बच्चों के सहयोग से

 बोलने लगती है दीवारें

 मजबूती के साथ ही

 ज्ञान देती है दीवारें।

 नन्हे-नन्हें हाथों की

 कलाकारी जो दिखती है

 मन के भाव उजागर करती

 पूरी कक्षा सीखती है।

 मन भावना धारा बन कर

 कागजों में बहती है

 ज्ञान बांटती सब बच्चों में

 साथ वो सबके रहती है।

 दीवार पत्रिका नाम है जिसका

 शिक्षा हरदम देती है

 नित नया आयाम प्रतिदिन

 बच्चों को देती रहती है।

 सृजनशीलता,ज्ञान और अभिव्यक्ति का

 विकास सदा ही करती है।

 स्वअधिगम का पाठ पढ़ाती,

 नित निरंतर रहती है।

 मूक नहीं होती दीवारें

 ज्ञानदायिनी बन जाती हैं

 बाल मनोभावों का नवसृजन,

 पल-पल करती रहती है।

 कविता,कहानी,पहेली,कलाकृति,

 जो चाहे सब काम करो

 मन में भाव हैं जो भी आते

 उनमें मनपसंद के रंग भरो।

 मौन शिक्षक है दीवार पत्रिका

 बच्चों को अवसर देती है

बिन बोले ही प्रेरित करती

 बालमन को हरसाती है।

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