itihaas Hindi Short Story: “शेर को किसने और कब पकड़ा था?”
“भरत राजा ने, जबवे बालक ही थे ।”शिक्षक के प्रश्न का बच्चों ने उत्तर दिया।
“सर ! सर ! मैं कुछ कहना चाहता हूँ ?” एक गरीब-सा बच्चा हाथ उठाए था ।
“हाँ बोलो, क्या कहना चाहते हो?” शिक्षक ने आज्ञा दी।
“भरत ने तो पकड़ा ही, मेरे बापू ने तो मार भी डाला था। वह उस समय चौदहसाल केहीथे।”बच्चे की इस बात पर सभी तगड़े झटके में हिलगएथे।
“क्या कहना चाहते हो, स्पष्ट कहो ?” शिक्षक भी अवाक्ता दूर करना चाहते थे।
“जंगल में लकड़ी काटते वक्त सामने एक शेर आ गया। बस क्या था, ज्योंहि बापू पर पंजा मारना चाहा, उस पर दीकुल्हाड़ी, पंजाअलग।दूसरे पंजे को भी इसी प्रकार काट डाला ।फिर तो मार कुल्हाड़ी, मार कुल्हाड़ी के जान ही निकाल दी। हाँ, उनका भी एक हाथ गायब हो गया था ।”शिक्षक और छात्र डर-भयकीकाँपती आँखों से उसे देख-सुन रहे थे। खुद को कुछ काबू में कर शिक्षक बोले, “ नाम क्या है तुम्हारे बापू का?”
“जी पहले गंगू था, अब कुछ लोग शेरमरवा तो कुछ लोग हथकट्टा कहते हैं।” शिक्षक तोशून्य में डूब गए।पर, उनके सामने एक चुनौती खड़ी हो गई-‘सच है इतिहास में येलोग क्यों नहीं आते…?’
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