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प्रेम की दीवार

नदी के किनारे छोटे छोटे कंकडों को लेकर फिर नदी में फेकना और उनकी डुबुक डुबुक लहराती कई जगह कूदती चाल देखना ये भी अपने आप मे इंतज़ार का समय बिताने का एक कस्बिये साधन है। रोहित आज अपनी प्रेमिका सुधा का इंतज़ार ऐसे ही कर रहा । तय किये गए उचित समय पर रोहित […]

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इसे कहते हैं हिंदुस्तान

जुम्मन चाचा बङी ही बेसब्री से अपने बेटे का इंतजार कर रहे थे तभी बेल बजी। वे दौड़ कर दरवाजा की ओर बढे।दरवाजा खोलते ही चौंक पङे।दहशत का आंचल ओढे एक लङकी दीखी।घबराई हुई लङकी बोली — ” अंकल, आंटी है  ? “ ” नहीं बेटा ,मैं अकेला हूं। क्या बात है, तुम बहुत घबराई […]

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पालक

दो लड़के हम उम्र थे, यही कोई बारह-तेरह वर्ष के रहे होंगे। वे सुबह अंधेरे- अंधेरे दो घंटे के किराये की साइकिल लाते और घर-घर अखबार पहुंचाते। नौ बजे तक वे सब्जी बेचने चले आते। दस बजे तक वे सब्जी बेचते उसके बाद वे शाम को सब्जी बेचते दिखाई देते। इस बीच शायद वे किसी […]

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मलाल

“सुना है.. हमारी पडोसी मिसेज गुलाटी की तबियत काफी समय से खराब चल रही है, मुझे तो वक्त नही मिल पाता, लेकिन तुम तो दिन भर घर रहती हो, कल वक्त निकाल कर उनसे मिलकर जरूर आना।” घर आते ही सुधांशु ने पत्नी सीमा से कहा। “मेरे मिलने से कौन सा मिसेज गुलाटी की तबीयत […]

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मासूम सी हत्या

भाई के बेटे की शादी थी मैं दस दिन पहले ही चली आई पतिदेव आफिस के कारण साथ ना आ सके । बस देहरादुन तक थी आगे गांव तक सूमो और जीप चलती हैं। दो बड़ी अटैचियाँ ड्राईवर ने ऊपर छत पर रखवा दी और जीप  गाँव के लिए रवाना हो गई। रास्ते के गाँव […]

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अनमोल मोती

आज उनकी सुहागरात थी ।नववधू की पोशाक में लिपटी रंजना सिकुड़ी सिमटी सी सुहाग सेज पर बैठी पति शेखर की प्रतीक्षा कर रही थी । वह आतुर सी बार-बार दरवाजे की ओर देख रही थी । मन में ना जाने कैसे-कैसे भाव उठ रहे थे । भय मिश्रित प्रसन्नता उसे उद्वेलित कर रही थी ।दिल […]

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सेठजी

दुकान में कुर्सी पर बैठे सेठ जी मोबाईल की आभासी दुनिया में व्यस्त थे। तभी एक ग्राहक आ धमका और सेठ जी के इस सुख में दख़ल देते हुए बोला, ‘एक टूथपेस्ट देना।’ सेठ जी बोले, ‘थोड़ी देर ठहरो अभी स्टाफ का लंच टाइम है।’ ग्राहक बोला- ‘राजमा क्या भाव है ?’ ‘रूको ज़रा.. स्टाफ […]

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अबोध

एक धनवान सेठ ने ऑडी खरीदी.वह भगवान के समक्ष अपनी अमीरी और वैभव का प्रदर्शन कर महंगी मिठाई का प्रसाद चढ़ाकर मंदिर परिसर में प्रसाद बांट रहा था.असली घी के लड्डू का भोग बांटते वक्त उसके चेहरे पर गर्व स्पष्ट झलक रहा था. तभी एक 5 वर्षीय अबोध बालक उसके महंगे पेंट को पकड़कर मिठाई […]