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मदद- Hindi Story

Madad: ” पता नहीं इस देश का क्या होगा । बाढ़ आ जाए, सूखा पड़े ,कोई भी आपदा हो हम मध्यमवर्ग को ही सब भुगतना पड़ता है । ” कृपा शंकर जी ने अपने मोबाइल पर आया मैसेज पढ़ा तो बड़बड़ाने लगे ।    ” अब क्या हुआ  , क्या फिर से देश दुनिया में […]

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लकीरें टूट गईं-Short kahani in Hindi

Lakeeren toot gayi: मटियामहल से फराशखाने तक आने मे उसे महसूस हो गया कि अंदर कुछ दरक सा गया है । पल पल ऐसा महसूस हो रहा था कि इसके रिक्शे पर दो सवारियां नहीं बल्कि पहाड़ रख दिया गया हो ! रिक्शे पर बैठी वो एक युवा मां थी जो अपने तीन साल के […]

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शहर अंधेरे में डूब गया: Hindi Story

shahar andhere mein doob gaya : आज भी तो कुछ नहीं बदला था ! सरकारी अस्पताल की वही चीख पुकार , वार्ड ब्वाय की वही बदतमीजी ! ट्राली और स्ट्रेचर खींचने की वही इरीटेट करती आवाज ! छत पर ख़ामोश घूरते पंखे की ओट में छुपी वही छिपकिली ! पिछले तीन महीनों में कुछ भी […]

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Short Story In Hindi : बलात्कार

Balaatkaar : चौबीस पच्चीस साल की युवती रोशनी पुलिस स्टेशन के गेट पर एक अनिर्णय और असमंजस की स्थिति में खड़ी थी।कभी एक कदम अंदर की ओर बढ़ाती लेकिन अगले ही पल पुनः उस कदम को पीछे कर लेती। उसकी इस मनोदशा को उसका मस्तिष्क तुरंत ताड़ गया,”क्या हुआ? इतने जोश में निकल कर आईं […]

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Short Story: छोटू

Chhotoo: पत्रकार सम्मेलन से लौटते हुए एक ढावे पर चाय पीने रुक गया।ढावे पर एक नौ दस साल के बच्चे को काम करते देख मेरे अंदर की पत्रकारिता जनित मानवता जाग उठी।मैंने उसे इशारे से बुलाया,”क्या नाम है तुम्हारा?” वह मेरे चेहरे को टुकुर टुकुर देख रहा था। मैंने पुनः वही प्रश्न दोहराया।वह तो फिर […]

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इस बहाने से : Short Story

Is Bahaane Se : आपको पता है आपका छोटा भाई क्या कर रहा है?-क्या?-हम उसकी दुकान से जो भी सामान लेते हैं, उसका वो हमसे कम दाम लेने की बजाय पूरा दाम वसूल कर रहा है।-जानता हूँ।-कमाल है! फिर भी आप सारा सामान उसी के पास से ले कर आते हो।-तो, उससे क्या अंतर पड़ता […]

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कौन मूर्ख : Hindi Story

Kaun Moorkh : “साला मैं जिंदगी में सदा मूर्ख का मूर्ख ही रहा। मुझे कभी रिश्वत लेने का शऊर नहीं आया। नौकरी में रहते काम करवाने के लिए जो कोई अगर मुझे रिश्वत पेश करता, मुझे उस पर तरस आ जाता, और काम कर देने पर मैं उसके खाली धन्यवाद से खुश हो जाता”, सुखदेव […]

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अप्रत्याशित: Hindi Story

Apratyaashit :अर्णव बहुत खुश था |वह अपनी मां के पास जा रहा था |कोरोना के कारण  वह बिलकुल जा नहीं पाया था |….. वैसे छ: -सात वर्ष हो गए थे उसके मम्मी -पापा अलग ही रह रहे थे |सब घटनाएँ  अप्रत्याशित ही घटी थीं | वह तो दोनों का प्यार चाहता था और चाहता था […]