Posted inलघुकथा

संवेदना: Short Story

Sanvedana Short Story: मातम मनानें आये महानुभाव ने दिवंगत के बेटे से कहा। हम तो आपके पिता जी के बहुत करीबी थे, घर जैसे सम्बंध थे हमारे उनसे। बहुत नेक इंसान थे। बहुत दुख है उनके जाने का। बेटा हम आपके साथ हैं इस दुख की घडी में। कुछ देर बाद फिर बोले , बेटा […]

Posted inलघुकथा

पटाखे: Hindi Story

Pataakhe hindi story: दीपावली के आस पास राघव अपने घर से बहार निकलना एक दम बंद कर देता था। अपने दोस्तों से मिलना जुलना भी कम कर देता था। इस बार उसकी माँ ने उससे पूछ ही लिया ”क्या बात है राघव तुम दीवाली के समय घर से बहार क्यों नहीं निकलते, मैं देखती हूँ […]