Sanvedana Short Story: मातम मनानें आये महानुभाव ने दिवंगत के बेटे से कहा। हम तो आपके पिता जी के बहुत करीबी थे, घर जैसे सम्बंध थे हमारे उनसे। बहुत नेक इंसान थे। बहुत दुख है उनके जाने का। बेटा हम आपके साथ हैं इस दुख की घडी में।

कुछ देर बाद फिर बोले , बेटा देख लेना उनकी डायरी में कहीं लिखा होगा। हमारा लेन देन भी चलता था उनसे। वैसे वो तो ब्याज चुकाते थे पर तुमसे ब्याज की कोई बात नहीं।

बेटे को दुख पिता के जाने का था की दुख प्रकट करने आने वाले का, बेटा समझ नहीं पाया। और ऐसे संवेदना प्रकट करने वाले शुभचिंतक कई निकल आए। जिन्हें बेटा पहली बार मिल रहा था।

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