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समझौता

पड़ोसी चन्दा के आँगन में खेल रहे बच्चों के शोर को देख उसके चेहरे पर कई दिनों बाद हल्की सी मुस्कुराहट आई और बच्चों को अपने बरामदे से बैठे – बैठे निहारने लगी। कुछ समय पहले की ही बात है जब इन्हीं बच्चों के साथ उसका जग्गू भी खेलता था। लेकिन मौत के सिकंजे में […]

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दस्तक

‘’मुख़्तार तुम्हें फिर ज़मानत पर रिहा किया जा रहा है आगे से तुम्हारी शक्ल मुझे ठाणे में दिखनी नहीं चाहिए। तुमने हम सभी की नाक में दम कर रखा है।‘’ मुख़्तार के चेहरे पर हवालात से बाहर जाने की खुशी थी तो वही अगले रोज चोरी करने की फिक्र भी थी। मुख़्तार हवलदार साहब के […]