Jyaada keyar Hindi Kahani: ‘बेटा उठो,स्कूल का टाइम हो गया है….’ अपने बेटे को उठाते हुए मां ने कहा।
“पर मां अभी 2.30 घंटे बचे है स्कूल बस आने में..,थोड़ा और सो लेने दो मां…. प्लीज’- बेटे ने मां से आग्रह किया।
ना,ना!
यू प्रोमिज्ड मि येस्टर्डे नाईट…की सुबह 1.30 घंटे पढ़ोगे,नहाने और फ्रेश होने के बाद….
पर,मां,मेरी नींद नहीं पूरी है।बहुत ठंड है,सोने दो आप,वरना मेरी तबीयत खराब हो जाएगी।
नहीं ,नहीं बेटा…. यू आर माई गुड बॉय,उठो,मैंने गीजर ऑन कर दिया है।गेट रेडी एंड स्टार्ट स्टडी….
दरवाजा नॉक करते हुए,मां बाहर से आवाज़ लगाई-“मैंने कल ही कहा था कि आप दरवाजा बंद करके पढ़ाई नहीं करोगे,मुझे पता है पढ़ने का बहाना करके आप सो जाते हो।सब पता है,मां हूं तुम्हारी…..”
खोल रहा हूं…. वेट
बेटा तुम इतनी बुरी शक्ल मत बनाओ,मैं तुम पर ज़ुल्म नहीं ढा रही हूं,ये तुम्हारे सुनहरे भविष्य के लिए जरूरी है।
पर मां मैं भैया के जैसा बड़ा नहीं,अभी केवल पांचवीं में ही हूं।
मां मन ही मन सोच रही थी कि काश इतनी सख्ती मैंने बड़े बेटे के साथ की होती तो आज कहीं अच्छी जगह से डॉक्टरी पढ़ रहा होता।
चलो, ब्रेकफास्ट करके रेडी हो जाओ,स्कूल बस तक छोड़ आऊं आपको,फिर मुझे दूध भी लेने जाना है।
जी मां,चलो….
स्कूल बस में बिठाने के बाद,दूध वाले के पास मां चली गई
इस बछड़े को इतना खून,क्या हुआ काका….
मालकिन,गाय ने इसे ज्यादा जीभ से चाट लिया,ज्यादा प्यार और केयर का नतीजा है,बेटी…..
मां ने तुरंत अपने छोटे बेटे को याद किया।
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