Muktibodh Hindi Kahani: मै जब टेलीविजन देखने बैठा तो सोचा अपनी कोई पसंद वाली धारावाहिक देख लूँ। देखने बैठा पूरे शांत मन से ना कोई उलझन थी और ना किसी बात की चिन्ता (पारिवारिक उलझनों को छोड़, वो तो सबको मिलती हैं जन्म के साथ ही)। रिमोट से कई चैनल बदले और अंत में एक को देखने लगा…

अभी कहानी शुरू भी ना हो पाई थी कि प्रचार शुरू हो गया। ipl देखो ipl, लगे फिल्म स्टार ipl बेचने। धारावाहिक फिर से शुरू हुई, दस मिनट के बाद फिर से मूंगफली बेचने वाले की तरह आ गए सुपर स्टार ipl बेचने।

बन्द करो भाई धारावाहिक, अब तो ipl ही देखेंगे। देखते नहीं कितने बड़े बड़े लोग ipl बेच रहे हैं।

ipl शुरू हुई मार्च महीने में, हमने भी सारे काम छोड़ ipl देखना शुरू कर दिया। अभी एकाद मैच ही देखा था। देश के भूतपूर्व, वर्तमान और भविष्य के राजा आ गए एक साथ, कहने लगे भाई तुम देशभक्त बनो और हमारे साथ आ जाओ… हम तुम्हें स्वर्ग अथवा जन्नत जो चहिए दिलवा देंगे। मैं उनके मुँह ताके जा रहा था मानो पूछ रहा हूँ, कैसे ? ? उन्होंने कहा ग्यारह अप्रैल से उन्नीस मई के बीच आ जाना वोट करने, तुम्हारी किस्मत बदल जाएगी।

बन्द करो…

ipl नहीं देखना अब सिर्फ वोट की तैयारी करनी है। आखिर इस बार हमें मुक्ति जो मिलने वाली है। समय आया और चला गया। हमने भी वोट कर दिया… अब हमें मुक्ति मिली या नहीं ये तो पता नहीं और यह भी नहीं पता की मुक्ति कब मिलेगी। इतने में क्रिकेट विश्व कप आ गया…

चारों तरफ मुक्ति मार्ग दिखने लगे tv पर मोबाइल पर अखबारों में…लगता है यही मार्ग है मुक्ति का। जोरदार प्रचार आने लगे जैसे धरती के पलटने का वक्त आ गया है। जितनी जल्दी हो सके अपनी सीट बुक कर लो ईश्वर विमान लेकर आने वाले हैं।

हमने भी सीट बुक करा ली यानी tv पर चैनल चालू करा लिए और लगे मैच दर मैच देखने। अभी मन मैच की तरफ एकाग्र हुआ ही था की एक मैच से पहले फिल्म अभिनेता सलमान आए भारत बन के यानी अपनी फिल्म का प्रचार करनें। मन की एकाग्रता भंग हुई… इतने में फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू भी आ गई अपनी फिल्म बेचने… फिर से मन व्यग्र हो उठा, अभी मन फिल्मों के देवी देवता की ओर झुकने वाला ही था कि महामुनि धोनी साब अपने मैच के बीच से उठ कर आ गए मन को शांत करने। उन्होंने कहा यह सब माया है वत्स  तुम बाकी सब को छोड़ कबड्डी लीग पर ध्यान लगाओ, उसका इंतजार करो वो आने वाला है।

अभी भी प्रतीक्षा जारी है… आखिर मुनियों ने भी तो मुक्ति के लिए हजारों वर्ष तक प्रतीक्षा किए हैं। हम भी कर लेंगे।

(Visited 1 times, 1 visits today)

Republish our articles for free, online or in print, under a Creative Commons license.