मात्र बच्चे, पति, पत्नि, रिश्तेदारों से ही परिवार पूरा नहीं होता बल्कि घर-गृहस्थी की नींव में जाने कितनी अन्य महत्वपूर्ण इकाइयों का योगदान मिल कर उसकी नींव को सुदृढ़ बनाते हैं। परिवार को सुदृढ़ व सुचारू रूप से चलाने में हमारे सहायकों का भी बहुत योगदान होता ही है। हमारी तरक्की, हमारी खुशी, हमारे चैन, […]
संस्मरण
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रेणु- समकालीन हिन्दी साहित्य के संत लेखक – निर्मल वर्मा
हमारी चीज़ों को चाहे बहुत कम लोग पढ़ें किन्तु हम बहुत कम लोगों के लिए लिखते हैं। मैं जिन लोगों को ध्यान में रखकर लिखता था, उनमें रेणु सबसे प्रमुख थे। मैं हमेशा सोचता था, पता नहीं मेरी ये कहानी, यह लेख, उपन्यास पढ़कर वह क्या सोचेंगे।यह ख्याल ही मुझे कुछ छद्म और छिछला, कुछ […]