Vyatha Baal Man Kee Hindi Stories: जब छोटू पड़ोस के भाईसाहब के यहाँ खेलने जाने को होता तो उसकी माँ ये कहकर मना कर देती कि बेटा, उनसे अपनी लड़ाई हो रही है, उनके यहाँ खेलने नहीं जाते, ये सुनकर, नन्हा सा बालक मन मसोसकर रह जाता । पर कुछ अन्य घरों के बालक यदा-कदा खेलने आ जाया करते थे । पापा जी से मिलने वालों की कतार भी लगी रहती थी घर पर । सुबह से शाम तक छोटू का आज्ञा पालन में ही निकल जाता कि देखना गेट पर कौन है । पर अब पिछले एक महीने से ना वेल बजती, ना माँ गेट पर देखकर आने की कहती और ना ही घर पर कोई आता और ना ही छोटू अपने मम्मी पापा के साथ अंकल के घर पर ही गया । बालक मानों घर में कैद सा हो गया था । स्कूल का भी उसे इतना ही पता था कि छुट्टी चल रही है ।
आखिर एक दिन उस नन्हें की वाणी मुखर हो ही गई और वह तुतलाती बोली में अपनी माँ से बोला- माँ, आजकल अपनी सभी लोगों से लड़ाई हो गयी है क्या ? जो ना हम किसी के जाते ना ही कोई हमारे आता ? ये सुनकर माँ एक पल के लिए अवाक सी रह गई और फिर तनिक मुस्कुराते हुए छोटू को समझाते हुए बोली- बेटे, ऐसा नहीं है पर, आजकल एक कोरोना रोग संसार में ऐसा चल रहा है जो आने-जाने ,भीड़ इकट्ठा होने, किसी को छूने आदि से ही फैलता है इसलिये सरकार ने आने जाने, समूह रूप में इकट्ठे होने पर पाबंदी लगा रखी है अतः ना हम किसी के जाते और ना कोई हमारे घर आता । ये सुनकर बालक का चेहरा बुझ सा गया और अनमने मन से घर के अहाते में अकेला ही अपने खिलौनों से खेलने लग गया और माँ खड़ी-खड़ी बाल मन की व्यथा को समझे जा रही थी…
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