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Short Story: निर्णय

Short Story : दोनों बेटों के हिसाब से रश्मि और रमेश ने वसीयत कर दी थी |आधुनिक  साज -सज्जा  और सारी  सुख- सुविधाएं दोनों के पास थीं |दोनों के पास गाड़ियां भी बहुत अच्छी थीं |मां  -बाप को कोई चिंता नहीं थी |लेकिन एक निर्णय होना बाकी था | एक दिन मां  -बाप ने दोनों […]

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Pension : अंतिम सहारा पेंशन

Pension : संध्या और प्रेरणा दो बहन थी। दोनों खूब ध्यान लगाकर पढ़ाई लिखाई करती थी,साथ ही घर के कामों में भी हाथ बंटाने से नहीं हिचकती थी।लेकिन एक सड़क हादसे में माता पिता के गुज़र जाने के कारण उनपर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा। दोनों के देखभाल और उनकी पढ़ाई लिखाई की दोहरी जिम्मेदारी […]

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Story Of Couplet’s Wife: दोवाह की पत्नी

Stories Of Couplet’s Wife : चार भाई और तीन बहनों में चौथे स्थान पर रजिया जन्म से बहुत चुलबुली स्वभाव की थी। जब से वह जन्म ली थी घर क्या पूरे मोहल्ले वासियों की लाडली बन गई थी।सभी लोग रजिया के मुस्कान और तोतली बोली पर फिदा हो जाते चाहे लोग कितने भी परेशानी में […]

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तितर -बितर

रसोई में रहते हुए भी कूकर की सीटी की आवाज  रीना के कानों में नहीं पड़ रही थी । वह  खड़ी-खड़ी ख्वाब में किसी  कहानी का प्लाॅट तैयार कर रही थी  । कहानी  लगभग पूर्णता के करीब थी  कि .माँजी ने दूर से आवाज लगायी…  ” आज फिर सब्जी जलानी है क्या ?” इतने में […]

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अंदेशा

गौरैया जी-जान से अंडे को सेती रही। चाहे वह आँगन की मुँडेर पर चहचहाती होती,बगीचे में फुर्र-से उड़कर दाना चुगती होती अथवा पंख फड़फड़ाकर बालू में नहा रही होती-हर पल उसके दिल-दिमाग में अपने अंडे की चिंता ही समाई रहती थी। वह उस दिन की बेताबी से बाट जोह रही थी,जब अंडे से बच्चा निकलकर […]

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कुर्बानी

“भारत माता की जय “ एक महीना हो गया आज ही के दिन वह  तिरंगेमे लिपट कर आ, हम सब की जिन्दगी मे ना खत्म होने वाला  आँखो मे आसुओं का  सैलाब दे गया । उसके वापस आये सामान मे उस की हाथ की लिखी चिट्ठी भी थी । जिस को उसने लगभग देश पर […]

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माँ का कर्जा

द्वारिका जहाँ भी जाता उसे अक्सर यही सुनने मे आता कि सबके ऊपर माँ – बाप का कर्जा होता है और कोई भी उससे उऋण नहीं हो पाता ! सुनकर उसे यह बात बड़ी अजीब सी लगती कि आखिर मे उनका ऐसा भी  क्या ………..  । पिताजी  बहुत साल पहले स्वर्ग सिधार चुके थे , सम्भवतः […]

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अनकहा सच

Short Hindi kahani Ankaha Sach शादी की सिल्वर जुबली पार्टी, अपने पूरे शबाब पर थी। मिस्टर बजाज अपनी हाई सोसाइटी फ्रेंड्स के साथ चुहलबाजी  में व्यस्त थे। तो वहीं दूसरी ओर मिसेस बजाज पार्टी में आए हुए मेहमानों की खातिरदारी की व्यवस्था में लगी थी।  शहर की इतनी बड़ी पार्टी को कवरेज करने के लिए […]