Neckpilo Short Story: दिन भर की भाग-दौड़ से थका-माँदा घर पहुँचा। कमरे के बाहर अमेज़न ऑनलाइन शॉपिंग के कई बॉक्स पड़े थे और कमरे में बेड पर ढेर सारा सामान बिखरा था।
बेटी चहकते हुए बोली- “डैडी! ये देखिए, बाबा के लिए वाच, दादी के लिए पर्स, भैया के लिए बुक, मम्मी के लिए किचन मैटेरियल, और आपके लिए…”, इतना कहकर उसने एक फोल्डिंग टेबल फोन स्टैण्ड मेरे हाथ में रख दिया और एक नेकपिलो मेरे गले में सेट कर दी।
मैंने बनावटी झुलझुलाहट भरे लहज़े में कहा- “क्या फ़ालतू सामान मँगाती रहती हो। इसका कितना पेमेंट करना है?”
बेटी ने आत्मविश्वास भरे स्वर में कहा- “डैडी! इस बार पेमेन्ट आपको नहीं करना है। हमारी जॉब की पहली सेलरी आयी है।”
अब नेकपिलो केवल मेरी गर्दन को ही नहीं मेरे दिल-दिमाग़ को भी सुकून पहुँचा रही थी। मैंने सुकून से आँखें बंद कर ली।
Republish this article
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NoDerivatives 4.0 International License.