Mail Hindi Story: आज रविवार की छुट्टी थी तो मैंने कम्बल, चादर और अन्य कपड़े धुलने की योजना को अमलीजामा पहनाते हुए उसे एक घंटे के लिए बाल्टी में भींगो दी।जिससे कपड़ों पर जमी मैल फुल जाए और उसे आसानी से छुड़ा सकूँ।समय का सदुपयोग करते हुए अख़बार में नजरें गड़ा ली। अचानक एक खबर को पढ़कर चौका, ‘गरीब रिक्शावाले को बड़ी बेहरमी से दस रूपये के लिए पीटा’ और मुंह से, ….
अरे! हे भगवान, कपड़े का मैल रगड़-रगड़ कर लोग छुड़ा लेते हैं, लेकिन अपने हृदय में बैठे मैल को नहीं छुड़ा पाते हैं। इसी कारण ऐसी शर्मनाक घटनाएं सभ्य समाज में पढ़ने या सुनने को मिल जाती हैं। मैं उठकर खबर से मर्माहत सीधे बाथरूम में कपड़े का मैल छुड़ाने चला गया।
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