वह देर से झगड़ रहा था. एक खिलोने के लिए .माँ ने टोका .
” बेटा , तेरा दोस्त है. कुछ देर के लिए उसे भी खेलने को देदे ”
” नहीं दूँगा ” उसने गुस्से से कहा और खिलौना ज़मीन पर पटख कर तोड़ दिया .बाप ने एक क़हक़हा लगाया – ” मेरा बेटा है ”
    अब वह जवान है. एक लड़की से प्यार करता है. एक दिन उसे  खबर लगी कि उस लड़की ने उसे छोड़ कर ,एक दूसरे लड़के से शादी कर ली है. वह गुस्से से पागल हो गया और यह कहता हुआ घर से निकला –
” अगर मेरी नहीं तो किसी की नहीं ..नहीं छोडूँगा…मार डालूँगा …”

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