एक धनवान सेठ ने ऑडी खरीदी.वह भगवान के समक्ष अपनी अमीरी और वैभव का प्रदर्शन कर महंगी मिठाई का प्रसाद चढ़ाकर मंदिर परिसर में प्रसाद बांट रहा था.असली घी के लड्डू का भोग बांटते वक्त उसके चेहरे पर गर्व स्पष्ट झलक रहा था. तभी एक 5 वर्षीय अबोध बालक उसके महंगे पेंट को पकड़कर मिठाई मांगने लगा. उस मासूम की आंखों में भूख साफ नजर आ रही थी।

सेठ ने अपने पेंट से उसका हाथ छुड़ाते हुए उसे दूर धकेल दिया. मिठाई देख भूख से सूखा मुँह पानी से भर उठा, वह जमीन से उठकर अपनी बहती नाक अपने मैली ढीली ढाली शर्ट से पोछ सिर्फ खड़ा देख रहा था. तभी प्रसाद बांटते वक्त किसी का धक्का लगा और एक लड्डू जमीन पर जा गिरा।

सेठ जमीन का लड्डू उठाने के लिए झुका.तभी उसे अपनी गरिमा का ख्याल आया. उस अबोध बालक ने झट से वह लड्डू उठाकर उसे सेठ को वापस करने लगा.. सेठ उसे आंखें दिखाने लगा उसकी आंखों में देख, वह मासूम निगाहों से उसे देख कर बोला…,”आप अपना लड्डू रखो. सेठ उसके गंदे हाथों देख बोला.”भाग यहां से….,वह मुस्कुराता हुआ अपनी झोपड़ी की ओर भागा. उसके चेहरे की अबोध मुस्कान देख भगवान की मूर्ति पर भी  एक  स्मित मुस्कान बिखर गई. सेठ अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा था।

(Visited 1 times, 1 visits today)

Republish our articles for free, online or in print, under a Creative Commons license.