बाज़ार से घर का सामान लाते हुए दो थैलियाँ फट गई। एक में चीनी थी तो दूसरे में डिटर्जेंट। मेरा दोस्त साथ में था,  बोला-“छलनी से छान लो, चीनी अलग हो जाएगी और डिटर्जेंट अलग।”

मैंने जवाब में कहा-“यही गलती तो जाति उन्मूलन वाले धर्म घिस्सू करते हैं। डिटर्जेंट मिली चीनी को कितना भी छान लो, उसमें कसैलापन रहेगा ही।”

दोस्त मुझे मार डालने वाली निगाह से देखने लगा था।

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