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मेरे जाने के दौरान

शाम के सात बजे होंगे।टहलता हुआ मैं टावर की सातवीं मंजिल पर बने अपने फ्लैट की बालकनी में आया।अचानक एक विचित्र घटना घट गई।अज़ीब सा आवेग आया और मैं बालकनी की रेलिंग लाँघ सातवीं मंजिल से नीचे ज़मीन पर आ गिरा। हालांकि मैं ऊपर ही था,लेकिन नीचे भी पड़ा था। तुरन्त ही पत्नी और बेटे […]

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उलझो मत।सुलझो

वह सुबह-सुबह इस बियाबान समुद्र किनारे घूमने को निकला तो सामने चौंकाने वाला नज़ारा था।एक भद्रपुरुष सा लगने वाला शराबी वहीं तट पर मछली पकड़ने वाले जाल में लिपटा पड़ा था।वह हाथ-पाँव मार रहा था,लेकिन सुलझने की बजाय और उलझता जा रहा था। वह दौड़ कर शराबी के पास पहुंचा, जाल को सुलझाने की कोशिश […]

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प्यार की अंगूठी

दृश्य-एक: वह सुनार की दुकान में बैठा था।इस सुनार से उसके तीस साल पुराने सम्बन्ध थे और यह सुनार बहुत ही पारखी और अच्छी साख वाला था।सुनार अभी दुकान पर नहीं पहुंचा था, इसलिए प्रतीक्षा करना ही उसे वाजिब लगा।वह सुनार के पास एक हीरे की अंगूठी गिरवी रखना चाहता था, जो उसके प्यार की […]