पिछले कई वर्षो से रत्ना और राजेश की तू-तू, मै-मै पर अचानक विराम लग गया आये दिन विवाद, राजेश को रत्ना से कुछ न कुछ शिकायत रहती ही थी जिनकी परस्परआंख -आंख नही बनती वे अब हाथो मे हाथ डाले घूमते नजर आ रहे थे वाणी मे भी मधुरता और एक दूसरे के प्रति आदर […]
मीरा जैन
Posted inकहानी
भोला की बहादूरी
ग्रीष्म कालीन छुट्टियां , घर के बगीचे मे चिंटु के साथ अड़ौस पड़ौस के हमउम्र बच्चों की धमा चौकड़ी ,खेल, खाना खिलाना सब कुछ बस एक कम उम्र कामवाली बाई का बेटा भोला वहीं बैठा सबको टुकुर टुकुर देख रहा था तभी बच्चों के खुशी से चिल्लाने व ताली बजाने की आवाज आयी जिसे सुन […]