Daayitv Hindi Kahani: दरवाजे के अन्दर घूसते ही नाक पर रूमाल रखना मुनासिब लगा.क्योंकि घर के भीतर की गन्दगी कबाड़खाने का एहसास करा रहा था . दीवाल पर जगह- जगह सीलन ! खूटी हुई कील और दरकती दीवारें बूढ़े इंसान के त्वचा पर आये झुर्री का एहसास दिला रहा था. — चलिए बाहर ही बैठता […]
मनोज कर्ण
Posted inलघुकथा
जगह की तलाश में: Hindi Story
Jagah kee talaash mein hindi story: तृप्ति पूजा की थाल लिए जैसे ही घर से निकल मन्दिर की ओर बढी उसके कदम ठीठकने लगे.वह सुबह को चीरती हुइ सन्नाटे से डर कर वापस घर को आ गई. — अरे ! कुछ भूल गई क्या ? माँ ने जिज्ञासा भरे लहजे मे पूछा . — नही […]