Jid achchhee hai Hindi Kahani:”बाबूजी! पन्द्रह दिनों की ही तो बात है, अभी रुक जाओ! श्राद्धपक्ष में नए भवन की शुरुआत करना ठीक नहीं।”” क्यों ठेकेदार भाई! श्राद्ध पक्ष तो बीती पीढ़ी को गौरव देने व पुन:स्मरण करने के दिन हैं, ये अशुभ कैसे हो सकते हैं? हमारे बड़े हमारा अहित कैसे होने दे सकते […]
डॉ शील कौशिक
Posted inलघुकथा
एक ही बेटा: Hindi Story
Ek Hi Beti Hindi Story: रामजीलाल मास्टर जी का बड़ा बेटा साहिल पढ़ने में होशियार था। आईआईटी, आईआईएम करके वह मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी नौकरी पा गया था। वहीं छोटा बेटा विवेक मुश्किल से दसवीं पास कर पाया था। पिता उसे सारा दिन कोसते रहते… तू किसी काम का नहीं है…नालायक है…।आखिर पिता ने उसे […]