Posted inलघुकथा

इसे कहते हैं हिंदुस्तान

जुम्मन चाचा बङी ही बेसब्री से अपने बेटे का इंतजार कर रहे थे तभी बेल बजी। वे दौड़ कर दरवाजा की ओर बढे।दरवाजा खोलते ही चौंक पङे।दहशत का आंचल ओढे एक लङकी दीखी।घबराई हुई लङकी बोली — ” अंकल, आंटी है  ? “ ” नहीं बेटा ,मैं अकेला हूं। क्या बात है, तुम बहुत घबराई […]