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नासूर भरा पश्चाताप : Hindi Short Story

Naasoor Bhara Pashchaataap: वो बेहद ड़रा हुआ और परेशान था। थोड़ी देर पहले ही बेटी का फोन आया था– “पापा मेरी स्कूटी खराब हो गयी है और यहां बहुत अंधेरा और सुनसान है।”  हे भगवान! रात के 10 बजे थे, अनहोनी की आशंका से उसके हाथ पैर थर थर कांपने लगे थे। 100 नम्बर ड़ायल […]

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जाके पैर न फटे बिवाई वो क्या जाने पीर पराई: Hindi Kahani

Jaake Pair Na Phate Bivaee Vo Kya Jaane Peer Paraee: रोज के ताने सुनकर निधि त्रस्त हो चुकी थी। बांझ शब्द अब उसे चुभता था। परिवार की अन्य औरतों के गोद में नन्हे बच्चों को देखकर वो बेहद दुखी हो जाती।   उसके परिवार में देवरानी की गोद भराई थी। उसे भी अब बच्चा होने […]