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मौन शिक्षक

 बच्चों के सहयोग से  बोलने लगती है दीवारें  मजबूती के साथ ही  ज्ञान देती है दीवारें।  नन्हे-नन्हें हाथों की  कलाकारी जो दिखती है  मन के भाव उजागर करती  पूरी कक्षा सीखती है।  मन भावना धारा बन कर  कागजों में बहती है  ज्ञान बांटती सब बच्चों में  साथ वो सबके रहती है।  दीवार पत्रिका नाम है […]

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बाल दर्पण

बदला स्वरूप अब शिक्षण का नवाचार ऐसा, प्रिय है बच्चों का स्वयं ही लेखक हैं  और सम्पादक, सहयोग लेते हैं अपने शिक्षक का      “बाल दर्पण” है दीवार पत्रिका। चित्रों में रंग जो उनको भायें संग्रह  करके वो जो भी लाएं मैडम संग मिलकर उसे सजाएं जाग उठा आत्मविश्वास उनका        जगा रही है, दीवार […]

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पसंद

मधु व सुनीता बचपन की सहेलियां थीं। आज बहुत लम्बे समय पश्चात आपस में मुलाकात हुई।-कहो कैसी हो? -मधु ने पूछा।-मैं ठीक हूँ। तुम कैसी हो?- सुनीता ने उत्तर दिया।-मैं भी ठीक हूँ।-अरे तुम ने पीले रंग की साड़ी पहन रखी है। पीला रंग तो तुम्हें पसंद नहीं है।-तुम ठीक कहती हो। मुझे पीला रंग […]

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बोलती दीवार

अक्सर सुनते आए हैं दीवारों के भी कान होते हैं मगरमन के भाव दीवारों से लोग भला कब साझा करते हैंलेकिन बच्चे तो बच्चे हैंदीवारें तक बन जातीं हैंखेल खेल में इनके साथीबच्चे अब दीवारों से खूब बतियाने लगे हैंदीवारें भी जीवंत होने लगी हैंकोशिशे रंग लाने लगी हैंदीवारें बोलने भी लगी हैंबोलती दीवारें देखनी […]