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प्रगतिशीलता – Short Story

घने हरित लान मेंपेड़ था एक बरगदका ।बहुत से नए पत्ते निकल आए थे उस पर । जब-जब नए पत्ते निकलते कुछ और पीले पत्ते झर जाते थे ।एक दिन अपनी स्थिति से दुखी होकर उन्होनेअपने साथियों की मीटिंग बुलाई । मीटिंग में पीले पत्तों ने रूढ़िवादी कहे जाने पर अपना विरोध जताया । उसी […]

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क्लैप तो बनता है – Short Story

आज तो फोन की घंटी पर घंटी बजी जा रही थी । शर्मा जी बहुत व्यस्त थे ऑफिस में । तभी उनके पुराने मित्र डा0 विनय का फोन आ गया । चूँकि शर्मा जी बहुत व्यस्त थे इसलिए उन्होंने सोचा कि फोन काट देते हैं । फिर मन-ही-मन बुदबुदाये ‘अभी बड़ा विकट समय है, इसलिए […]

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गोलमाल – Short Story

जनगणना करने वाले अधिकारी एक बस्ती में पहुंचते ही अपनी नाक भौं सिकोड़ने लगे। तभी उनमें से एक अपने सहकर्मी से बोला- ‘सर, यहां तो अभी से ही सांस लेना दुर्लभ हो रहा है, इस बदबूदार बस्ती के अन्दर तक जाकर आगे का काम कैसे कर पाएगें ?’ हथेली की जीवन रेखा पर तम्बाकू रगड़ […]

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बँटवारा

सभी कान खोलकर सुन लो मुझे डहर वाले खेतों में नहर के साथ वाला खेत ही  लेना है, छोटे भाई की दहाड़ सुनकर दोनों बड़े भाई सहम गए। बीच वाले ने माँ बाबा के रुपए, पैसों का हिसाब किताब लगाया और उसका बँटवारा करते समय अपने पिछले एक साल के दौरान माँ बाबा की दवाइयों, […]

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पुनरावृत्ति

अभय और अजय का लगातार संवाद चालू था। मां की नम आंखें बार-बार कभी बच्चों को तो कभी अपने पति की ओर देख रही थी। संवाद जोर पकड़ रहे थे। बच्चे अपने पिता से संपत्ति के बंटवारे को लेकर ऊंची आवाज में संवाद कर रहे थे। विमला ने पति को देखकर कहा- “कहां इस उम्र […]

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न्यू इयर गिफ्ट

“सॉरी ! मेडम ! इस शर्ट का एक ही पीस है और ये पीस इन मेडम ने पसंद कर लिया |” “ओह ! वैसे जो भी है बेटर च्वाइस  |” माँल में एक ही पसंद को लेकर टकराई दो युवतियां | तृप्ति और सिमरन | “हाय ! आय एम् तृप्ति |” “हेलो ! आय एम् […]

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खुले पँख

“मैं आज शाम से ही देख रहा हूँ.. आप बहुत गुमसुम हो अम्मी! कहिए ना क्या मामला है?”“हाँ! बेटे मैं भी ऐसा ही महसूस कर रहा हूँ.. बेगम! बेटा सच कह रहा है। तुम्हारी उदासी पूरे घर को उदास कर रही है.. अब बताओ न।” शौकत मलिक ने अपनी बीवी से पूछा।“कल रविवार है.. हमारे […]

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बहिष्कृत

सूर्यास्त होते ही चिड़ियों का एक जोड़ा उसकी बालकनी में कपड़े सुखाने की अलगनी पर आकर बैठ जाता।सुबह होते ही वे दोनोंं उड़ जाते।उसे आश्चर्य होता कि आहट मात्र से उड़ जाने वाली ये चिड़िया हमारे नजदीक आकर इतनी निश्चिंत कैसे रह जाती हैं ! देखा, तो वे दोनों मिलकर रोशनदान में अपना घोंसला बना […]