‘मीशा, सुबह-सुबह कहीं जाने की तैयारी है क्या?’
‘हाँ, मम्मा! पापा को तायाजी से मिलवाने जा रही हूँ।’
मम्मा का तमतमाया चेहरा व तनी हुई भवें देखकर मीशा ने पूछा, ‘क्या हुआ, मम्मा?आप ठीक तो हैं?
‘मीशा, तुम अच्छी तरह जानती हो, उन लोगों के यहाँ हमारा आना-जाना नहीं है।अगर वहाँ कोई ठीक से बात न करे तो लौटकर न मुँह बनाना, न शिकायत करना। हाँ, जाने से पहले एक बार और सोच सकती हो।’
‘पापा की खुशी के लिए मैं हर हालात का सामना करने को तैयार हूँ, मम्मा। आज सुबह फोन पर उन्होंने ताया जी से मिलने की मंशा जताई तो मैंने उनकी मंशा पूरी करवाने का वादा किया। सच बताऊँ, मम्मा, उस समय पापा की आवाज में अलग ही चहक थी। आप चिन्ता न करें। नाउ बी कॉमएण्डप्योरिफाई योर थिंकिंग, प्लीज़। बॉय मम्मा।’
चाबी को झुलाती हुई मीशा कार की ओर बढ़ गई।
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