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वर्चस्व

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नगर की प्रख्यात महिला संगीत अकादमी ने महिला सशक्तिकरण विषय पर नगर की विभिन्न महिला संगठनों की प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया l कार्यक्रम का मुख्य स्लोगान था ” महिलाओं का महिलाओं के द्वारा महिलाओं के लिए समर्पित आयोजन ” l  कार्यक्रम में आर्थिक सहयोग देने वाले विशिष्ट समाजसेवी […]

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मिट्टी का प्रेम : Short Story

Mittee ka Prem Short Story: रामू किसान का बेटा था l किसानी उसका पुस्तैनी धंधा था l वह जी तोड़ मेहनत करता किंतु , दो – तीन वर्षों से कभी बाढ़ , कभी सूखा के कारण फसल चौपट हो रही थी l जो फसल बचती , उसकी कीमत भी मंडी में न मिलती l परिवार के […]

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चाँटे

सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी लगन से सबकी आवभगत कर रहे थे l सामाजिक संगोष्ठी में ‘ गरीब तबके के उत्थान एवं बालश्रम से जुड़े बच्चों के भविष्य , भूख , महंगाई ‘ की बातें प्रमुखता से कही जा रही थीं l इस राष्ट्रीय आयोजन में चल रहे कवि सम्मलेन में कवियों ने भी बच्चों पर खूब कवितायेँ पढ़ीं l अंत में सभी […]

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दहलीज भेद नहीं करती

“ये क्या भाभी आप बैग में कपड़े क्यों पैक कर रही हो कहाँ जा रही हो?” “रामनगर के कॉलेज में नौकरी के लिए आवेदन दिया था वो मंजूर हो गया है। दो दिन बाद जॉइन करना है। शाम की गाड़ी से निकल रही हूँ।”  “आपको नौकरी करने की क्या जरूरत है। और शाम को तो […]

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ठंड का सौदा: Hindi Short Story

Thand-ka-Sauda Hindi Short Story : “दीदी एक स्वेटर मेरी बच्ची को भी दिला दो, ठंड से कांप रही है बेचारी। भगवान तुम्हारा भला करे” अपने पीछे एक पहचानी हुई आवाज और संवाद सुनकर मीता ने चौंक कर पीछे देखा। “तुम, तुम्हारी बच्ची के लिए तो कल ही मैंने स्वेटर खरीद दिया था तो तुमने उसे […]

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मंशा

‘बेटा आठ – दस दिन पहले ही तो तू गया था ,फिर आगया ?’        ‘माँ जब से  छोटे भाई पवन की मौत हुई है,मुझे आपकी चिता लगी रहती है ,आप कहें तो मैं अपना ट्रांसवर इसी शहर में करा लूँ ? ’ ‘नहीं बेटा तुम जहाँ हो वहीँ ठीक हो .तुम्हारे दोनों […]

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अटकलें

“मम्मी सासु जी की तबियत ठीक नहीं है”    “हाँ बेटा दुबली पतली सी तो हैं,उम्र भी 65 तो होगी ?  “ “हाँ इतनी तो है” ” फिर घर पर भी आराम कहाँ  मिलता है ? बच्चे को संभालना,कामवालियों से काम करवाना, आसान तो नहींं  है,थक जाती होंगी “    “बच्चा इतना छोटा भी नहीं […]

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फूलों का राज

साल भर बाद वसुधा का अपने गृह नगर तबादला हुआ। घर का दरवाजा खोलकर जैसे ही वह अंदर दाखिल हुई तो हर तरफ जमी धूल व मकड़ी के जाले देख उसकी थकान चार गुना और बढ़ गई। सामान रख कर चैन से बैठने को भी जब कोई साफ जगह नज़र नहीं आई तो उसके कदमों […]