वह अपने कंधे पर अपने चार साल के बच्चे को लटकाए बेतहाशा चला जा रहा था। उसके पीछे उसकी पत्नी भी दो साल के अपने बच्चे को अपनी छाती से चिपकाए यंत्रवत् सी चली आ रही थी। तभी एकाएक धप्प से पति सड़क पर बैठ गया और जोर-जोर से हाँफने-काँपने लगा। यह देख उसकी पत्नी […]
सुरेश सौरभ
Posted inकहानी, लघुकथा
फितरतन
’कल पीटे गये थे। आज फिर तुम आ गये। शर्म नहीं आती क्या? ’हूं तो क्या हुआ? पत्रकार हूं। अपना काम तो करूंगा ही।’ ’तुम अपना काम नहीं करते,सिर्फ हमारे आन्दोलन को बदनाम कर रहे हो। किसानों को देशद्रोही कहते हुए और न जाने क्या-क्या झूठे अरोप-प्रत्यारोप लगा-लगा कर बस गोदी मीडिया का काम कर […]