Band Aankhen Hindi Short Stories: बस छूटने ही वाली थी।दरवाजे की तरफ से अजीब सा शोर उठा,जैसे कोई कुत्ता हकाल रहा हो।परेशानी और उत्सुकता के मिले जुले भाव लिये मैंने उस ओर देखा तो पता चला कोई बूढा व्यक्ति है,जो शहर जाना चाह रहा है।वह गिडगिडा रहा था,’”तोर पांव परथ ऊं बाबू.मोला रायपुर ले चल।मैंगरीब […]
महेश राजा
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याददाश्त: Hindi Stories
Yaadadaasht Hindi Stories: भाई साहब कह रहे थे,क्या बात है,आजकल कुछ याद नहीं रहता..बात करते-करते भूल जाता हूं…..किसी को बहुत दिनों बाद देखता हूं या मिलता हूं तो पहचानने में मुश्किल होती है। मैने उन्हें समझाया कि ऐसा थकान या बेवजह तनाव के कारण होता है।साथ ही वह बात जो दिल पर घाव या चुभन […]