जाड़े की कुनकुनी धूप में एक चारपाई पर बृद्धा बैठी, कड़कड़ाती सर्दी को दूर भगाने का असफल प्रयास कर रही थी । वहीं एक सात-आठ वर्ष की बच्ची बैठी गणित हल करने का प्रयास कर रही थी । उसकी माता जमीन पर आसनी बिछाये सब्जी काटने में लीन थी । तभी एक आधुनिका सहेली आ […]
नीलम राकेश
Posted inलघुकथा
चोर
‘‘कहॉं गया ?……………..कहॉं गया ?’’ ‘‘चला गया’’ ‘‘अरे तुमने उसे जाने दिया ?हम तो पुलिस को फोन कर आये हैं ।’’ ‘‘मुझे लगा उससे बड़े चोर तो हम स्वयं हैं । इसीलिए…………………….’’ ‘‘अरे । पागल हो गये हो क्या ?’’ ‘‘क्यों ?” “………..सच्चाई का सामना क्या कर सकेंगे आप लोग ?’’ ‘‘कैसी सच्चाई ?’’ ‘‘तुम्हारी […]