Posted inकहानी, लघुकथा

शाबाश

तन्वी छोटी सी थी जब उसके पिता नहीं रहे, नानी नानाजी उसे और उसकी माँ को अपने घर ले आये थे. ननिहाल में वैसे बाक़ी सब ठीक था किन्तु माँ ने सबके लाख समझाने पर भी दूसरा विवाह नहीं किया था.  इसलिये जब कभी नानी और माँ में खटकती तो नानी  पहले उसके मरहूम पापा […]