साहित्य विमर्श पत्रिका पिछले 4 वर्षो से निरंतर प्रकाशित हो रही है। .साहित्य , कला और संस्कृति मे अपना अहम योगदान देने वाली यह पत्रिका कुछ वर्षो मे एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। ‘साहित्य विमर्श ‘ पत्रिका हिंदी साहित्य के प्रबुद्व पाठकों को हर माह नवीनतम साहित्यिक गतिविधियों जैसे साहित्य ,कला ,संस्कृति से परिचय कराती है।
आपको जानकर हर्ष होगा कि ‘साहित्य विमर्श ‘ पत्रिका ने साहित्यिक क्षेत्र मे अच्छा प्रदर्शन किया है। ‘साहित्य विमर्श ‘ के सभी विशेषाक बहुत पसंद किये गये हैं , जिसमे गांधी विशेषाक, दीवार पत्रिका विशेषाक, आदिवासी विशेषाक, दलित विशेषाक, संस्मरण और लघुकथा विशेषाको का सिलसिला अभी तक जारी है।
डायमंड बुक्स की मासिक साहित्यिक पत्रिका ‘साहित्य विमर्श ‘ देश के हज़ारो पाठकों , लेखकों , हिंदी भाषा अधिकारियों , विश्वविद्यालय, पुस्तकालयो , राज्य और केंद्र सरकार के सदस्यों तक निंरतर पहुँच रही है। पिछले कई वर्षो से पत्रिका ने नए आयाम प्राप्त किये हैं। ‘साहित्य विमर्श’ पत्रिका से जुड़कर देश के युवा , वरिष्ट एव प्रसीद लेखक रचनत्मक लेखन कर रहे हैं।
आपको यह जानकर भी हर्ष होगा कि ‘साहित्य विमर्श’ की 75 हजार प्रतियां प्रकाशित होती हैं।
आपको यह जानकर भी खुशी होगी कि जब कोरोना महामारी ने समाज के हर तबके और वर्ग को प्रभावित किया था , उस समय भी साहित्य , कला और सांस्कृति से जुड़े लेखकों और शुभचिंतको का ध्यान रखते हुए , ‘साहित्य विमर्श’ बिना किसी रुकावट के अपने विशाल पाठक वर्ग तक पहुँचती रही जो एक बड़ी उपलब्धि है।